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तखतगढ़ TFYC-3.0 स्क्रीनिंग में प्री-कैंसर लीजन के मरीजों की संख्या बढ़ी, दो मरीजों में मुँह का कैंसर मिला

दैनिक राजस्थान समाचार सोहनसिंह रावणा, तखतगढ़। TFYC-3.0 के अंतर्गत सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र तखतगढ़ के दंत विभाग में चल रही स्क्रीनिंग के दौरान प्री-कैंसर लीजन के मरीजों की संख्या लगातार बढ़ रही है। हाल ही में दो मरीजों में मुँह का कैंसर भी डायग्नोस किया गया है, जिससे विभाग में चिंता बढ़ गई है।

तंबाकू (धूम्रयुक्त और धूम्ररहित) का सेवन जीवन के लिए घातक सिद्ध हो रहा है। इससे छुटकारा पाना अत्यंत आवश्यक है। निःशुल्क परामर्श तथा तंबाकू छोड़ने के लिए लोग TCC या निकटतम स्वास्थ्य केंद्र में चिकित्सकों की सहायता ले सकते हैं।

देश में तंबाकू का उपयोग एक गंभीर सार्वजनिक स्वास्थ्य चुनौती बना हुआ है, जो हर वर्ष लगभग 13 लाख लोगों की जान लेता है। वैश्विक युवा तंबाकू सर्वेक्षण (GYTS-2019) के अनुसार 13 से 15 वर्ष आयु वर्ग के 8.4 प्रतिशत छात्र वर्तमान में तंबाकू का सेवन करते हैं, जबकि औसतन 10 वर्ष की आयु में ही इसकी शुरुआत कर देते हैं।

ओरल हेल्थ और शरीर का संबंध

मुँह का स्वास्थ्य केवल दांतों की सफाई तक सीमित नहीं है, बल्कि यह पूरे शरीर के स्वास्थ्य से जुड़ा है। एक भी संक्रमित दांत दिल का दौरा, स्ट्रोक और अल्ज़ाइमर जैसे गंभीर जोखिम बढ़ा सकता है।

शोध में यह सामने आया है कि मसूड़ों और दांतों से उत्पन्न बैक्टीरिया जैसे पी. जिंजिवलिस तथा एफ. न्यूक्लिएटम रक्तप्रवाह में प्रवेश कर पूरे शरीर में फैल सकते हैं, जिससे सूजन और अनेक बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है।

ओरल संक्रमण से जुड़े प्रमुख स्वास्थ्य जोखिम

हृदय रोग मुँह के बैक्टीरिया धमनियों में प्लाक जमाव का कारण बनते हैं, जिससे दिल का दौरा और स्ट्रोक का खतरा बढ़ जाता है।

मस्तिष्क रोग अल्ज़ाइमर रोगियों के मस्तिष्क में मुँह के बैक्टीरिया के अंश पाए गए हैं, जिससे याददाश्त कमजोर होना और स्ट्रोक तक का खतरा बढ़ सकता है।

मुँह के संक्रमण से ब्लड शुगर नियंत्रण कठिन हो जाता है, जबकि अनियंत्रित मधुमेह मसूड़ों की बीमारी बढ़ा देता है।

गर्भावस्था संबंधी जटिलताएं – मसूड़ों की बीमारी समय से पहले प्रसव और कम वजन वाले शिशु के जन्म का कारण बन सकती है।

श्वसन व जोड़ों की बीमारियां निमोनिया, सीओपीडी तथा रूमेटाइड आर्थराइटिस जैसी बीमारियों से भी संबंध पाया गया है।

मुँह की सुरक्षा ही शरीर की सुरक्षा

दिन में दो बार ब्रश करें।

हर छह माह में दंत चिकित्सक से जांच कराएं।

शक्कर व जंक फूड कम करें।

धूम्रपान और तंबाकू से पूर्णत: बचें।

ये सरल आदतें हृदय, मस्तिष्क और पूरे शरीर को अनेक गंभीर बीमारियों से सुरक्षित रखने के प्रभावी तरीके हैं।

डॉ. विक्रम सिंह

चिकित्सा अधिकारी, मुख एवं दंत रोग विशेषज्ञ

सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, तखतगढ़।

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