
दैनिक राजस्थान समाचार राकेश तंवर भरतपुर। 25 नवम्बर, कृषि विभाग की संभाग स्तरीय कार्यशाला अतिरिक्त निदेशक तिलहन देशराज सिंह की अध्यक्षता में मंगलवार को कृषि विभाग सभागार में आयोजित की गई। अतिरिक्त निदेशक ने कृषि संभाग के अलवर, भरतपुर, डीग, धौलपुर, करौली एवं सवाईमाधोपुर जिलों की विभागीय योजनाओं की प्रगति की समीक्षा की।
अतिरिक्त निदेशक ने सभी अधिकरियों को विभागीय योजनाओं से किसानों को समय पर लाभान्वित करनें एवं योजनाओं का प्रचार प्रसार करने के निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि केन्द्र एवं राज्य सरकार द्वारा किसानों के हित में चलाई जा रही योजनाओं, कृषि के क्षेत्र में किये जा रहे नवाचारों से किसानों को लाभान्वित करने के निर्देश दिये।
कृषि महाविद्यालय भुसावर के डीन एवं संभाग के मास्टर ट्रेनर डॉ. उदयभान सिंह ने दिसम्बर माह में किये जाने वाले उद्यानिकी कार्यो की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि किसान फूलगोभी, पत्तागोभी व आलू की फसल में 40 से 45 दिन की अवस्था पर 60-70 किग्रा नत्रजन प्रति हेक्टर देवें व सिंचाई करें। रबी प्याज की रोपाई अभी से करें। खेत की तैयारी के समय 400-500 क्विंटल गोबर की खाद प्रति हेक्टर खेत में मिला देवें। बुवाई पूर्व 50 किग्रा नत्रजन, 50 किग्रा फास्फोरस व 120 किग्रा पोटाश प्रति हेक्टर देवें।
उन्होंने बताया कि गर्मी की फसल के लिए टमाटर की नर्सरी तैयार करें। एक हेक्टर क्षेत्र के लिए 400-500 बीज सामान्य किस्मों के लिए व 150-200 ग्राम बीज संकर किस्मों के लिए चाहिए। पूसा उपहार, पूसा गौरव, हिसार अरूण, अर्का सौरभ टमाटर की उन्नत किस्में तथा पूसा हाइब्रिड-1, पूसा दिव्या, अर्का श्रेष्ठ आदि टमाटर की संकर किस्में है। उन्होंने बताया कि दिसम्बर में आम, अमरूद, नीबू वर्गीय फलदार पौधों में खाद एवं उर्वरक देने चाहिए। भारतीय सरसों अनुसंधान संस्थान भरतपुर के प्रधान वैज्ञानिक डॉ. रामस्वरूप जाट एवं डॉ. पी.डी. मीना ने सरसों फसल की वैज्ञानिक खेती के बारे में बताया। इस अवसर पर संयुक्त निदेशक कृषि भरतपुर सुरेश गुप्ता, संयुक्त निदेशक करौली वी.डी. शर्मा, संयुक्त निदेशक कृषि धौलपुर प्रभूदयाल शर्मा सहित संभाग के कृषि अधिकारी उपस्थित थे।


