
दैनिक राजस्थान समाचार नागपाल शर्मा अलवर। अलवर जिला श्रमिक यूनियन एम्पलाइज के कामरेड गजराज सिंह खोहरा मोहल्ला निवासी ने मजदूर यूनियन के जिला मीडिया प्रभारी नागपाल शर्मा माचाड़ी को वाट्सएप द्वारा बताया कि थरेजा नर्सिंग होम के सामने कम्पनी बाग के पास हनुमान मंदिर एवं मंदिर की जमीन को मंदिर के पुजारी पूरण प्रकाश शर्मा द्वारा राजस्थान सार्वजनिक प्रन्यास अधिनियम 1959 के तहत सहायक आयुक्त देवस्थान विभाग भरतपुर से पत्रावली सं.137/84 दि.29 नवंबर 84 में पंजीकृत कराया गया था,
पूरण प्रकाश शर्मा का स्वर्गवास दि.20 जनवरी 2002 को होने के कारण उनके पुत्र हेम प्रकाश शर्मा द्वारा सहायक आयुक्त (द्वितीय)देवस्थान विभाग जयपुर से अपने नाम कार्यवाहक के स्थान पर मुख्य न्यासी नाम परिवर्तन पत्रावली मु.नं.15/2012 दि.20 फरवरी 2013 के द्वारा करा लिया गया, हेम प्रकाश शर्मा द्वारा मन्दिर को अपनी निजी सम्पत्ति मानकर मन्दिर के पास ही नये कमरे का निर्माण कर उसमे परिवार सहित रहने लगा,तथा मन्दिर के ऊपर शौचालय एवं बाथरुम का निर्माण किया गया है। तथा उसके बडे भाई महेन्द्र प्रकाश शर्मा द्वारा बिना सम्बन्धित विभाग की स्वीकृति के दुकानों का निर्माण कराकर किराए पर दे रखी है, तथा अपने परिवार के लिए भी कमरे का निर्माण भी करा लिया है।दोनों भाईयों का परिवार मन्दिर परिसर में ही निवास करते हैं।इनके द्वारा किए गए निर्माण पूरी तरह से अवैध हैं, इनके निर्माण पर मन्दिर के भक्त जनो ने एतराज किया तो कहा कि मन्दिर मेरा व्यक्तिगत हैं आपको एतराज करने का कोई हक नहीं है, अभी हाल ही में इसके द्वारा मन्दिर की खाली जमीन एवं दुकान अगस्त 2025मे बेच दी गई हैं, खाली जमीन मन्दिर के सार्वजनिक कार्यो(होली, दिपावली)पर काम में आती हैं।
इस सन्दर्भ मे माननीय उच्च न्यायालय के निर्णय दि.16.जुलाई 2015के समाचार पत्र में प्रकाशित निर्णय मे स्पष्ट किया गया है कि मन्दिर के पुजारियों एवं इनके सेवादारों द्वारा जमीनों के बेचान व हस्तांतरण को अवैध करार दिया है। साथ ही ऐसी जमीनों पर लम्बे समय तक कब्जे व काश्तकार के आधार पर भी उनका कानूनी अधिकार व स्वामित्व मानने से इनकार किया गया है।
माननीय उच्च न्यायालय के निर्णय के अनुसार हेमप्रकाश शर्मा एवं उनके बडे भाई द्वारा किए गए निर्माण एवं जमीन दुकान का बेचान गैर कानूनी हैं।वैसे भी उक्त हनुमान मंदिर एवं मन्दिर की जमीन राजस्थान सार्वजनिक प्रन्यास अधिनियम 1959के तहत सहायक आयुक्त देवस्थान विभाग में पंजीकृत होने के कारण इन्हें किसी प्रकार का निर्माण एवं बेचान करने का कोई हक नहीं है।
सभी भक्त गणो द्वारा सहायक आयुक्त(द्वितीय)
देवस्थान विभाग जयपुर को पत्र लिखकर पुजारी द्वारा किए गए कार्यों को निरस्त करने एवं वर्तमान पुजारी को बेदखल की कार्यवाही करने की अपील की है।



