
श्रीमाधोपुर की बाल प्रतिभा दिव्यांश शर्मा का डाक-टिकटों का अनूठा संग्रह
दैनिक राजस्थान समाचार संवाददाता प्रदीप कुमार शर्मा, गढटकनेत-अजीतगढ़। सीकर जिले के श्रीमाधोपुर कस्बे की बाल प्रतिभा दिव्यांश शर्मा ने कम उम्र में डाक-टिकट संग्रह के क्षेत्र में अद्वितीय उपलब्धि हासिल की है। दिव्यांश के डाक-टिकट संग्रह की शुरुआत उनके 8वें जन्मदिन पर हुई, जब उनके दादा ने उन्हें रामायण पर आधारित 11 सुन्दर डाक-टिकट उपहार में दिए। इन्हीं टिकटों से प्रेरित होकर उन्होंने फिलेटली की दुनिया में कदम रखा।
वर्तमान समय में दिव्यांश के पास आजादी के बाद से जारी हुए कई दुर्लभ डाक-टिकटों के साथ-साथ पुराने नोट और सिक्कों का भी समृद्ध संग्रह मौजूद है।
संग्रह में शामिल प्रमुख डाक-टिकट
दिव्यांश के संग्रह में रामायण के 11 प्रसंगों के टिकटों के अलावा महाभारत, सौरमंडल के नवग्रह, भगवान परशुराम, गौतम बुद्ध, महाकुंभ, राष्ट्रपति भवन, शिवाजी, स्वामी विवेकानंद, डॉ. राजेन्द्र प्रसाद, राजीव गांधी, अटल बिहारी वाजपेयी, महाराणा प्रताप, राजा राममोहन राय, सरदार वल्लभभाई पटेल, गायक मुकेश की 100वीं जयंती, सुप्रीम कोर्ट ऑफ इंडिया के 75 वर्ष, कारगिल विजय दिवस रजत जयंती, राजस्थान के किले, बावड़ियां, महापुरुषों एवं भारतीय विरासत से जुड़े डाक-टिकट शामिल हैं।
कम उम्र में बड़ा कारनामा
मात्र 9 वर्ष की उम्र में दिव्यांश द्वारा तैयार किया गया यह अनूठा संग्रह न केवल उसकी रुचि और लगन का प्रतीक है, बल्कि देश के गौरवशाली इतिहास और समृद्ध संस्कृति को नई पीढ़ी तक पहुंचाने का एक प्रेरणादायी माध्यम भी है। दिव्यांश पूर्णप्रज्ञ पब्लिक स्कूल में कक्षा चौथी का छात्र है।




