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अन्य पिछडा वर्ग आयोग ने किया जनसंवाद,अन्य पिछडा वर्ग को राजनैतिक प्रतिनिधित्व देने जनप्रतिनिधियों व सामजिक संस्थाओं से लिया फीडबैक

वाजिब लोगों को मिल सके राजनैतिक प्रतिनिधित्व - आयोग अध्यक्ष

दैनिक राजस्थान समाचार राकेश तंवर भरतपुर, 24 नवम्बर। अन्य पिछडा वर्ग आयोग (राजनैतिक प्रतिनिधित्व) ने सोमवार को नगर निगम सभागार में संभाग स्तरीय संवाद कार्यक्रम में जनप्रतिनिधियों, विभिन्न सामाजिक संगठनों, नागरिक संस्थाओं से स्थानीय निकायों एवं पंचायत राज संस्थाओं में राजनैतिक आरक्षण के बारे में जनसंवाद किया।
आयोग के अध्यक्ष सेवानिवृत न्यायाधीश मदन लाल भाटी ने कहा कि आयोग संभाग स्तर पर संवाद के माध्यम से अन्य पिछडा वर्ग को राजनैतिक प्रतिनिधित्व देने के लिये फीडबैक लेकर रिपोर्ट तैयार करेगा जिससे वाजिब लोगों को राजनैतिक प्रतिनिधित्व मिल सके। उन्होंने कहा कि आयोग द्वारा स्वतंत्र रूप से सर्वे भी कराया जायेगा जिसमें राजनैतिक, सामाजिक, शैक्षणिक एवं आर्थिक पिछडेपन का पारदर्शिता से आंकलन किया जा सके। उन्होंने बताया कि आयोग वंचितों को आरक्षण का लाभ मिल सके इसके लिये राजनैतिक प्रतिनिधित्व के लिये माननीय सर्वोच्च न्यायालय के दिशा निर्देशों के अनुरूप सरकार को अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करेगा।
जनसंवाद कार्यक्रम में सदस्य मोहन मोरवाल, एडवोकेट गोपाल कृष्ण, पवन मंडाविया भी उपस्थित रहे।
सदस्य सचिव अशोक जैन ने आयोग के गठन एवं उद्वेश्य के बारे में जानकारी देते हुये बताया कि सर्वोच्च न्यायालय के दिशा निर्देशों की पालना में राजनैतिक प्रतिनिधित्व के लिये आयेाग संवाद एवं सर्वे कर रहा है। उन्होंने बताया कि आयोग द्वारा सर्वे के लिये स्वतंत्र संस्था के साथ मोबाईल एप से भी सहायता ली जायेगी जिससे सटीक जानकारी मिल सके। उन्होंने स्थानीय निकायों में राजनैतिक आरक्षण के संबंध में आयोग के कार्यालय, मेल के द्वारा अथवा व्यक्तिशः मिलकर सुझाव देने के बारे में अनुरोध किया। मुख्य कार्यकारी अधिकारी मृदुल सिंह ने जनसंवाद कार्यक्रम में आये सभी संभागीयों का स्वागत कर राजनैतिक प्रतिनिधित्व के बारे में सुझाव देने का आव्हान किया।
*ये आये सुझाव*
जनसंवाद कार्यक्रम में संभाग के सभी जिलों के जनप्रतिनिधि, सामाजिक नागरिक संगठनों के पदाधिकारियों ने सुझाव दिये। जनसंख्या के आधार पर ओबीसी का राजनैतिक प्रतिनिधित्व बढाने का सुझाव सभी ने दिया। राजनैतिक, शैक्षणिक, पिछडापन जिलेवार अलग-अलग होने के कारण राजनैतिक प्रतिनिधित्व भी जिलेवार अलग अलग तय करने का सुझाव दिया। जिलेवार एससी, एसटी एवं ओबीसी का जनसंख्या अनुपात के आधार पर आरक्षण तय करने का सुझाव दिया गया। मूल ओबीसी की जातियों को राजनैतिक प्रतिनिधित्व मिल सके इसके लिये वंचित जातियों के लिये विशेष प्रावधान किया जाये। भरतपुर में अन्य प्रदेशों से विवाह उपरान्त आने वाली समान जाति की महिलाओं को भी राजनैतिक प्रतिनिधित्व का लाभ दिया जाये। मण्डल आयोग द्वारा जनसंख्या के अनुपात में शैक्षणिक व आर्थिक, सामाजिक पिछडेपन के आधार पर आरक्षण दिया था वर्तमान में जनसंख्या बढी हैं, आरक्षण बढाया जाये। ओबीसी आयोग द्वारा पूर्व में किये गये सर्वे के आधार पर राजनैतिक प्रतिनिधित्व दिया जाये।
*इन्होंने दिये सुझाव*
जनसंवाद कार्यक्रम में पूर्व विधायक टोडाभीम रमेश चंद मीना, पूर्व नेता प्रतिपक्ष नगर निगम रूपेन्द्र सिंह, गिरधारी तिवारी, पार्षद रामेश्वर सैनी, पूर्व डिप्टी मेयर कृपाल सिंह, सरपंच चैनसिंह फौजदार, जाट महासभा के प्रेमसिंह कुंतल, पूर्व सरपंच गांधीदेव कामरेट, जाट सूरज सेना के अरविंदपाल सिंह, सरपंच भाग्यश्री मीना, पार्षद बृजेश कसाना, लक्ष्मण सिंह सैन, गंगापुर प्रधान मंजू गुर्जर, सवाईमाधोपुर से उदय सिंह गुर्जर, धौलपुर से आशाराम बघेल, करौली से गोवर्धन सिंह जादौन ने सुझाव दिये।
*ये रहे उपस्थित*
कार्यक्रम में पूर्व सांसद रामस्वरूप कोली, जिला अध्यक्ष शिवानी दायमा, प्रधान सेवर दीपा सिंह सोगरवाल, अतिरिक्त कलक्टर प्रशासन घनश्याम शर्मा, आयुक्त नगर निगम श्रवण विश्नोई, शैलेश कौशिक, मनोज भारद्वाज, सत्येन्द्र गोयल सहित संभाग के जनप्रतिनिधि, सामाजिक संगठनों के पदाधिकारी उपस्थित रहे।

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