E-Paperटॉप न्यूज़देशराजस्थानराज्यलोकल न्यूज़

डाक से एक युवक के नाम आए 7 ईपिक कार्ड, जिला निर्वाचन अधिकारी ने जांच में पाई गलती

दैनिक राजस्थान समाचार संवाददाता प्रदीप कुमार शर्मा, गढटकनेत-अजीतगढ़। सीकर जिले के श्रीमाधोपुर शहर में एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जिसमें एक ही युवक के नाम डाक से 7 अलग-अलग ईपिक (वोटर आईडी) कार्ड पहुंचे। मामला सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद राजनीतिक हलचल तेज हो गई और कांग्रेस ने इसे “सिस्टम हाइजैक” बताते हुए गंभीर आरोप लगाए।

कैसे सामने आया मामला

श्रीमाधोपुर वार्ड 13 के खटीक मोहल्ला निवासी मेघराज पटवा के पिता भोमाराम ने बताया कि मेघराज ने जुलाई 2025 में 18 वर्ष पूरे किए थे। वोटर लिस्ट में नाम जुड़वाने के लिए उन्होंने दो महीने पहले आवेदन किया था, जिसे उस समय के बीएलओ ने खारिज कर दिया था। बाद में जुलाई में दोबारा आवेदन किया गया।

बुधवार सुबह डाक से उन्हें एक की जगह मेघराज के 7 वोटर आईडी कार्ड मिले। इनमें से छह कार्ड पर एक जैसी फोटो थी, जबकि एक कार्ड पर अलग फोटो लगी हुई थी।

एसडीएम ने की पूछताछ, कांग्रेस ने उठाए सवाल

मामले के वायरल होने पर एसडीएम एवं निर्वाचन अधिकारी अनिल कुमार ने युवक को ऑफिस बुलाकर पूछताछ की। मेघराज ने बताया कि एसडीएम ने सभी 7 कार्ड मांगे, लेकिन ये कार्ड युवा कांग्रेस नेता विक्की बिंवाल के पास थे।

विक्की बिंवाल ने बताया कि वे मेघराज के घर पहुंचे तो परिजनों ने कार्ड मिलने की पुष्टि की। उन्होंने एआईसीसी एवं यूथ कांग्रेस ग्रुप में भी मामले की जानकारी दी और भाजपा पर आरोप लगाए। बिंवाल ने कहा कि उनके वार्ड में ही एक अन्य व्यक्ति के नाम से भी तीन वोटर आईडी जारी हुए हैं, जिससे आगामी चुनावों में गड़बड़ी की संभावना है।

जिला निर्वाचन अधिकारी ने कराई जांच — सामने आई वास्तविक गलती

कांग्रेस की शिकायत के बाद जिला निर्वाचन अधिकारी एवं कलेक्टर डॉ. मुकुल शर्मा ने पूरे प्रकरण का फैक्ट चेक करवाया। जांच में पता चला कि—

संबंधित व्यक्ति मेघराज ने फॉर्म-6 कुल 7 बार ऑनलाइन भर दिया,

बूथ स्तर अधिकारी (बीएलओ) ने इन सभी आवेदनों की ठीक से जांच नहीं की,

परिणामस्वरूप 7 अलग-अलग ईपिक नंबर जारी हो गए।

इस लापरवाही पर बीएलओ के खिलाफ कार्रवाई शुरू कर दी गई है।

आयोग की ओर से बताया गया कि—

मतदाता से नाम हटाने के लिए सभी 7 नंबरों के फॉर्म-7 भरवा लिए गए हैं,

एसआईआर-2026 में उसे केवल एक ही गणना प्रपत्र भरना होगा,

आगामी मतदाता सूची में उसका नाम केवल एक बार ही दर्ज होगा।

मामले ने उठाए प्रशासनिक सतर्कता पर सवाल

एक ही मतदाता के लिए 7 ईपिक कार्ड जारी होना निर्वाचन प्रक्रिया में सतर्कता की कमी को स्पष्ट रूप से दर्शाता है। जिला प्रशासन ने अब मामले को गंभीरता से लेते हुए सुधारात्मक कदम उठाने की बात कही है।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button
error: Content is protected !!